
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के गांव घीड़ी पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर अजीत डोभाल के पिता मेजर गुणानंद डोभाल स्मृति पार्क का उद्घाटन किया. इसके साथ ही एक पौधा मां के नाम के तहत वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ग्रामीणों को दिलवाई.
वीरभूमि गढ़वाल की माटी में देशभक्ति और बलिदान की अनेक गाथाएं रची-बसी हैं. मेजर गुणानंद डोभाल की अमर कहानी इन्हीं में से एक है. रविवार को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने भारतीय सेना के सहयोग से उनके नाम पर बनने वाले मेजर गुणानंद डोभाल स्मृति पार्क की आधारशिला रखी. यह पार्क राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पिता को समर्पित है. जिन्होंने देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
आधारशिला रखते हुए धन सिंह रावत ने कहा कि मेजर डोभाल की शौर्यगाथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. यह स्मृति पार्क न केवल एक हरित स्थल होगा, बल्कि यह युवाओं को यह याद दिलाएगा कि मातृभूमि के लिए बलिदान से बढ़कर कोई सेवा नहीं होती.
कार्यक्रम में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, ग्रामवासी और मेजर डोभाल के परिजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे. वक्ताओं ने अपने संबोधन में मेजर डोभाल के जीवन और योगदान का विस्तार से उल्लेख किया. उन्होंने बताया मेजर डोभाल ने विपरीत परिस्थितियों में भी अदम्य साहस और निष्ठा के साथ देश की सेवा की. मेजर डोभाल का जीवन युवाओं के लिए एक आदर्श है. उन्होंने न केवल अपनी मातृभूमि की रक्षा की, बल्कि अनुशासन, साहस और कर्तव्यनिष्ठा के उच्चतम मानदंड स्थापित किए.
वक्ताओं ने कहा यह स्मृति पार्क न केवल हरियाली और सौंदर्य का प्रतीक होगा, बल्कि देशभक्ति और वीरता की जीवंत मिसाल भी बनेगा. स्थानीय ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गांव की पहचान और गौरव में वृद्धि होगी. यह पार्क बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्थल बनेगा, जहां वे देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर राष्ट्रसेवा का संकल्प ले सकेंगे. कार्यक्रम के अंत में मेजर डोभाल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उनके नाम पर वृक्षारोपण भी किया गया.