
देहरादून के आईएसबीटी इलाके में पुलिस ने मानव तस्करी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए महिला और पुरुष अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से तीन युवतियों को मुक्त कराकर उन्हें बाल संरक्षण आयोग की देखरेख में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) को सौंपा गया है। पुलिस और बाल आयोग की इस संयुक्त कार्रवाई से मानव तस्करी के मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है।
युवतियों की काउंसलिंग और जांच जारी
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में पहुंचने के बाद तीनों युवतियों की काउंसलिंग की जा रही है। इस मामले में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा, “काउंसलिंग के दौरान हमें पता चला है कि ये तीनों युवतियां पहले से ही स्वतंत्र रूप से काम कर रही थीं। फिलहाल, हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अपनी मर्जी से यहां आई थीं या फिर उन्हें बहकाकर या जबरदस्ती लाया गया था।”
उन्होंने आगे कहा कि युवतियों की काउंसलिंग और जांच के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और युवतियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
अभियुक्तों पर गंभीर अपराधों का रिकॉर्ड
देहरादून के एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में से पुरुष आरोपी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है। इसके खिलाफ पहले से ही हत्या का प्रयास, लूट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, महिला अभियुक्त पर पहले भी सहसपुर थाना क्षेत्र में मानव तस्करी और गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है।
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह युवतियों को नौकरी या बेहतर जीवन का झांसा देकर देहरादून लाता था और फिर उन्हें तस्करी के जाल में फंसा देता था। यह गिरोह लंबे समय से इस तरह की गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन पुलिस की सतर्कता से अब यह गिरोह कानून के शिकंजे में आ गया है।
मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत
इस घटना के बाद पुलिस और बाल आयोग ने मानव तस्करी के मामलों को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है। एसपी प्रमोद कुमार ने कहा, “मानव तस्करी जैसे अपराधों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और हम समाज से इस अपराध को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।”
देहरादून जैसे शांत शहर में मानव तस्करी की यह घटना चिंता का विषय है। पुलिस और बाल संरक्षण आयोग के संयुक्त प्रयास से युवतियों को बचा लिया गया है, लेकिन इस मामले से यह साफ होता है कि मानव तस्करी का नेटवर्क कितनी गहराई तक फैला हुआ है।
फिलहाल, पुलिस गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है ताकि इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके पूरे नेटवर्कका पता लगाया जा सके।