
देहरादून: केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव की तिथि की घोषणा होते ही उत्तराखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस, ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। बीजेपी ने जहां छह उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड के पास भेजे हैं, वहीं कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
बीजेपी की ओर से छह संभावित उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड के पास भेजे गए हैं, जो पार्टी की ओर से उम्मीदवार चयन प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। इस कदम से स्पष्ट है कि बीजेपी इस उपचुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है और जीत हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बीजेपी के अंदर से यह भी खबर है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा जल्द ही उपचुनाव के लिए उम्मीदवार की घोषणा की जा सकती है।
वहीं, कांग्रेस ने भी इस उपचुनाव को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि जिस दिन से केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हुई थी, उसी दिन से कांग्रेस ने लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, “हमारा फोकस शुरू से ही जनता से जुड़ने पर रहा है। कांग्रेस ने पहले ही प्रदेश प्रभारी की ओर से चार पर्यवेक्षकों की टीम बनाकर क्षेत्र में भेज दिया है।”
कांग्रेस ने उपचुनाव को लेकर चार सदस्यीय पर्यवेक्षक टीम को केदारनाथ भेजा है, जो वहां की राजनीतिक स्थिति और जनता की राय जानकर पार्टी को रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। प्रीतम सिंह ने कहा कि यह पर्यवेक्षक टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद पार्टी अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
प्रीतम सिंह ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने इस उपचुनाव के लिए एक सशक्त अभियान की शुरुआत कर दी है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को क्षेत्र के लोगों से अच्छा समर्थन मिल रहा है और कांग्रेस जनता के मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी का लक्ष्य है कि हम लोगों के असली मुद्दों पर फोकस करें। केदारनाथ क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी समस्याएं हैं, जिन्हें हल करना हमारी प्राथमिकता होगी।”
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के बीच इस उपचुनाव को लेकर मंथन का दौर जारी है। जहां एक ओर बीजेपी अपने उम्मीदवार की घोषणा की तैयारी कर रही है, वहीं कांग्रेस भी अपनी उम्मीदवार की घोषणा जल्द करने की बात कह रही है।
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के परिणामों का असर उत्तराखंड की राजनीति पर व्यापक रूप से देखा जा सकता है। राज्य की राजनीति में इस उपचुनाव को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। दोनों दलों के लिए यह उपचुनाव उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का मौका है, और इसलिए इसे जीतने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
बाइट: प्रीतम सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
कुल मिलाकर, केदारनाथ उपचुनाव का प्रचार अब गति पकड़ चुका है और अगले कुछ दिनों में दोनों दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगे। अब देखना यह है कि किस पार्टी का उम्मीदवार क्षेत्र के लोगों का विश्वास जीतनेमें सफल रहता है।