
देहरादून, 23 अक्टूबर 2024: उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर आज परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक को अंतिम वार्ता माना जा रहा है, क्योंकि कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर सहमति नहीं बनने की स्थिति में राज्यव्यापी चक्काजाम की चेतावनी दी है। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में नियमितीकरण के साथ-साथ अन्य सुविधाओं की बहाली शामिल है।
देर रात हुई थी वार्ता, नहीं बनी सहमति:
परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत ने देर शाम रोडवेज कर्मचारियों से बातचीत की थी, लेकिन वार्ता के दौरान कर्मचारियों की कई मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि रोडवेज कर्मचारियों ने पहले ही आंदोलन का रास्ता अपनाने की चेतावनी दी थी। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे चक्का जाम कर देंगे, जिससे राज्य के परिवहन सेवा पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें:
कर्मचारियों की मांगों में सबसे अहम मुद्दा उनके नियमितीकरण का है। अधिकांश कर्मचारी अस्थायी तौर पर काम कर रहे हैं और उनका कहना है कि वे कई वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है। इसके अलावा, कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगें हैं:
वेतन में बढ़ोतरी और समय पर वेतन भुगतान
पेंशन योजनाओं की बहाली
काम के घंटे और शर्तों में सुधार
कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य और अन्य लाभ सुविधाओं की व्यवस्था
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वे इन मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
चक्काजाम की चेतावनी:
रोडवेज कर्मचारियों के संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि आज की बैठक में उनकी मांगों पर सहमति नहीं बनती है, तो वे पूर्ण रूप से चक्का जाम करेंगे। इससे उत्तराखंड की परिवहन व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि रोडवेज सेवाएं राज्य के दूरदराज इलाकों तक जुड़ी हुई हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन केवल तब समाप्त होगा जब उनकी सभी मांगें पूरी कर दी जाएंगी।
सरकार की स्थिति:
दूसरी ओर, सरकार की ओर से परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत ने संकेत दिए हैं कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर संवेदनशील है और उन्हें हल करने की दिशा में काम कर रही है। देर रात हुई वार्ता के बाद उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं को समझ रही है और आज की बैठक में एक सकारात्मक समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।
हालांकि, कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उन्हें अब तक केवल आश्वासन ही दिए गए हैं, और जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
राज्य की परिवहन व्यवस्था पर प्रभाव:
यदि रोडवेज कर्मचारियों ने चक्काजाम का आह्वान किया, तो इसका सीधा असर राज्य की परिवहन सेवाओं पर पड़ेगा। खासकर, दूरदराज के क्षेत्रों में जहां लोगों की निर्भरता मुख्यतः रोडवेज पर होती है, वहां यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जाने वाले लोगों के लिए भी यह एक बड़ी समस्या बन सकती है।
निष्कर्ष:
आज होने वाली बैठक में सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच समाधान की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि राज्य में परिवहन सेवाओं का सुचारू रूप से चलना आवश्यक है। यदि इस वार्ता में सहमति नहीं बन पाई, तो उत्तराखंड में चक्काजाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो आम जनता के लिए परेशानी का कारण बनेगा। अब देखना यह है कि सरकार और कर्मचारी संगठन आज किस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं और क्या रोडवेज कर्मचारियों की मांगें पूरी हो पाती हैं।