
देहरादून :उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करी की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखने के उद्देश्य से वन विभाग और राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लगातार सक्रिय हैं। हाल ही में एक ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान STF ने दुर्लभ कस्तूरी मृग की 25 ग्राम कस्तूरी के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई ने वन्यजीव तस्करों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिससे अब वन विभाग और STF उसके संबंध में और गहन जांच कर रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) धनंजय मोहन ने इस संबंध में बताया कि राज्य में वन्यजीव तस्करी के मामलों पर नियंत्रण के लिए वन विभाग और STF का यह आपसी सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके संरक्षण के लिए दोनों एजेंसियाँ मिलकर नियमित रूप से अभियान चलाती हैं। यदि STF किसी तस्कर को पकड़ने में सफल होती है, तो वन विभाग पूरी तरह से सहयोग करता है और आगे की कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
धनंजय मोहन ने बताया, “वन विभाग की टीम और STF संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए वन्यजीव तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखती हैं। हम वन्यजीव तस्करी रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह प्रयास करते हैं कि तस्करों के पूरे नेटवर्क को उजागर कर सकें, ताकि हमारे दुर्लभ और संरक्षित जीवों को बचाया जा सके।” उनका कहना है कि इस प्रकार के सहयोग से तस्करों की गिरफ्तारी में भी तेजी आती है, जिससे वन्यजीव संरक्षण की दिशा में अहम कदम उठाया जा सकता है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड की जैवविविधता बहुत समृद्ध है, और यहां कई दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कस्तूरी मृग भी शामिल है। कस्तूरी मृग की कस्तूरी, जो अपने औषधीय गुणों और सुगंधित होने के कारण अत्यधिक मूल्यवान होती है, का बाजार में अवैध व्यापार होता है। कस्तूरी की मांग को देखते हुए वन्यजीव तस्कर कस्तूरी मृग के शिकार में लगे रहते हैं, जिससे इस प्रजाति पर संकट बना रहता है।
STF के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तस्कर से पूछताछ के बाद अन्य तस्करों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। STF और वन विभाग के अधिकारी इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस नेटवर्क में जुड़े सभी लोग पकड़े जाएं। इसके लिए टीम अन्य संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी भी कर रही है।
वन विभाग का कहना है कि वन्यजीव तस्करी को रोकने के लिए STF और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना अनिवार्य है, क्योंकि वन्यजीव संरक्षण अकेले विभाग के बूते की बात नहीं है। साथ ही, वन विभाग इस संबंध में जनता से भी सहयोग की अपील कर रहा है, ताकि लोग वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक हों और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत विभाग को दें।
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“वन विभाग की टीम STF के साथ मिलकर वन्यजीव तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। हमारा उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इस प्रकार के संयुक्त प्रयास से तस्करी पर अंकुश लगाना संभव हो सकेगा।”
— धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक, उत्तराखंड
वन विभाग और STF के इस प्रकार के संयुक्त प्रयासों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तराखंड की जैवविविधता और दुर्लभ वन्यजीवों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा, और तस्करों के पूरे नेटवर्क को समाप्त किया जा सकेगा।