
केदारनाथ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे अब रोमांचक दिशा में बढ़ रहे हैं। पांचवें राउंड की मतगणना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 8455 मतों के साथ बढ़त बनाई है, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन ने 6452 मत हासिल करके कांग्रेस को पछाड़ दिया है। कांग्रेस के खाते में अब तक 5978 मत आए हैं।
भाजपा ने 2003 वोटों की स्पष्ट बढ़त हासिल की है, लेकिन निर्दलीय त्रिभुवन की मजबूत उपस्थिति ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। कांग्रेस, जो इस सीट पर अपने पुनरुत्थान की उम्मीद कर रही थी, फिलहाल तीसरे स्थान पर नजर आ रही है।
भाजपा की स्थिति मजबूत
भाजपा की इस बढ़त को पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। केदारनाथ, जो पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ रहा है, यहां पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब होती दिख रही है। भाजपा के प्रत्याशी ने पांचवें राउंड तक लगातार अपनी बढ़त बनाए रखी है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है।
त्रिभुवन ने चौंकाया
त्रिभुवन, एक निर्दलीय प्रत्याशी, इस चुनाव में बड़े उलटफेर की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। उनकी लोकप्रियता ने कांग्रेस की संभावनाओं को काफी नुकसान पहुंचाया है। 6452 वोट हासिल करने वाले त्रिभुवन ने साफ कर दिया है कि वह मतदाताओं का भरोसा जीतने में सफल हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे क्षेत्रीय मुद्दों और त्रिभुवन की जनसंपर्क रणनीति का परिणाम मान रहे हैं।
कांग्रेस के लिए झटका
कांग्रेस के लिए यह नतीजा अब तक निराशाजनक साबित हो रहा है। 5978 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर खिसकने वाली कांग्रेस को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। पार्टी इस सीट पर मजबूत दावेदारी की उम्मीद कर रही थी, लेकिन त्रिभुवन के बढ़ते प्रभाव ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है।
आगे क्या?
अब तक के रुझानों से साफ है कि भाजपा अपनी जीत की ओर बढ़ रही है, लेकिन निर्दलीय त्रिभुवन का प्रदर्शन इसे एकतरफा मुकाबला बनने से रोक रहा है। अगले राउंड की मतगणना में स्थिति और स्पष्ट होगी।
यह उपचुनाव भाजपा के लिए अपनी पकड़ मजबूत करने और कांग्रेस के लिए अपनी साख बचाने की लड़ाई है। वहीं, त्रिभुवन का उभरना क्षेत्रीय राजनीति में नई दिशा तय कर सकता है।
आखिरी नतीजे क्या होंगे, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल भाजपा 2003 वोटों की बढ़त के साथ जीत की ओर अग्रसर है।