
9 नवंबर, उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है. खास बात यह है कि आगामी 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य को 25 साल पूरे होने जा रहे हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार इस पूरे साल को रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रही है. ऐसे में सोमवार 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान विधायी विभाग ने विशेष सत्र आयोजित किए जाने संबंधित प्रस्ताव रखा. जिस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. साथ ही तिथियां के निर्धारण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अधिकृत किया गया है.
उत्तराखंड राज्य में अगस्त महीने में मॉनसून सत्र संपन्न हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार आगामी रजत जयंती वर्ष के मौके पर विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय लिया है. मॉनसून सत्र उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में संपन्न हुआ था तो वहीं रजत जयंती वर्ष पर आयोजित होने जा रहा विशेष सत्र देहरादून में आयोजित किया जाएगा.
संभावना जताई जा रही है कि यह विशेष सत्र नवंबर महीने में तीन और चार नवंबर को आयोजित किया जा सकता है. बहरहाल, कैबिनेट ने तिथियां के निर्धारण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अधिकृत कर दिया है. ऐसे में सीएम धामी के निर्णय के बाद विशेष सत्र की तिथियों का ऐलान किया जाएगा.
दरअसल, मॉनसून सूत्र के दौरान विपक्ष भी तमाम बिंदुओं पर चर्चा करने की मांग कर रहा था. बावजूद इसके अनुपूरक बजट पेश करने के साथ ही विधानसभा मॉनसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. हालांकि, उस दौरान विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले को लेकर काफी अधिक हंगामा किया था. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय लिया है. इस सत्र में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से हुए विकास कार्यों, भविष्य की चुनौतियां, आने वाले समय के लिए सरकार का रोड मैप समेत तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड का यह रजत जयंती वर्ष है. पिछले कई सालों में कई उतार-चढ़ाव से राज्य आगे बढ़ा है. इस दौरान के सारे अनुभव और विकास की एक लंबी यात्रा भी चली है. राज्य स्थापना के बाद उन सभी पर विधानसभा के अंदर चर्चा होगी. जिसके चलते विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तिथियों की घोषणा जल्द की जाएगी.