
देहरादून: प्रसिद्ध लोक जागर गायिका पम्मी नवल द्वारा स्वरचित और स्वरबद्ध ‘हुराणी कू दिन भाग दो’ वीडियो गीत का उद्घाटन मुख्य अतिथि बद्रीनाथ विधान सभा के नव निर्वाचित विधायक लखपत बुटोला ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और पोस्टर लॉन्चिंग के साथ किया गया। इससे पूर्व, शिक्षक गीतकार कुलदीप नवल और संगीतकार आशीष नवल ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत फूल मालाओं, बैंच अलंकरण, और सॉल भेंट कर किया। इस अवसर पर, लोक जागर गायिका पम्मी नवल ने मुख्य अतिथि के साथ एक पेड़ शहीदों के नाम रोपा।
पम्मी नवल के यूट्यूब चैनल पर लॉन्च हुए इस वीडियो गीत के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि बद्रीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने लोक जागर गायिका पम्मी नवल को बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि पम्मी नवल ने लोक जागरों के माध्यम से समूचे उत्तराखंड और देश-विदेश में अपनी अलग छाप छोड़ी है। उत्तराखंड की संस्कृति को जीवित रखने में लोकगायक और कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। पम्मी नवल द्वारा संस्कृति के लिए किए जा रहे प्रयासों को आने वाली पीढ़ियाँ भी याद रखेंगी। लोक संस्कृति पर लिखना और उसे स्वरबद्ध करना सबसे कठिन कार्य है क्योंकि एक गीतकार और गायक को यह ध्यान रखना होता है कि वह क्या लिख रहा है और क्या गा रहा है।
विशिष्ट अतिथि लोकगायक किसन महिपाल ने पम्मी नवल के ‘हुराणी कू दिन भाग दो’ के रिलीज होने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि इस बार के गीत में पूरी टीम ने और ज्यादा मेहनत की है, खासकर संगीतकार आशीष नवल ने अलग करने की कोशिश की है। मुझे यह जागर पहले से ज्यादा अच्छा लगा।
शिक्षक और गीतकार कुलदीप नवल ने कहा कि ‘हुराणी कू दिन’ की अपार सफलता के बाद इसके भाग दो की बहुत मांग हो रही थी और आज दर्शकों की वह मांग पूरी हो गई है। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि श्रोताओं को यह जागर बहुत पसंद आएगा। वहीं, संगीतकार आशीष नवल ने कहा कि उनके लिए इस जागर को संगीत देना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि पहला भाग इसका बहुत पसंद किया गया। इस जागर में सुभाष पांण्डे का काफी सहयोग रहा है।
लोक जागर गायिका पम्मी नवल ने मुख्य अतिथि विधायक लखपत बुटोला का कार्यक्रम में पधारने पर धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। उन्होंने ‘हुराणी कू दिन भाग दो’ की पूरी टीम का आभार जताया और समाजसेवी भानु प्रकाश नेगी का कार्यक्रम के लिए विशेष सहयोग देने पर भी आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहता है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और विरासतों का लेखन और गायन के माध्यम से प्रचार और प्रसार करें। इसमें उनके परिजनों का विशेष सहयोग मिलता है।
इस वीडियो गीत को लोक जागर गायिका पम्मी नवल ने खुद स्वरबद्ध किया है। म्युजिक आशीष नवल, रिद्म सुभाष पॉण्डे, कोरस राहुल बैरियान, आफताब सैफी, गिटार अरिरूध लोबियाल, मिक्स मास्टर आशीष नवल, स्टूडियो ए माइनर स्टूडियो, वीडियो डायरेक्टर राहुल बैरियान, कैमरा क्रैप बाबा, कोरियोग्राफर सैडी गुसाई, एडिटर राहुल बैरियान, मेकअप गरिमा शाह है। इस वीडियो गीत के कलाकारों में निकिता पटवाल, दिव्या नेगी, प्रिया कोहली, विनीता नेगी, वर्षा सोनिया राजपूत, नेहा, अमृता, अंबिका बिष्ट, रितु, निहारिका, देवेश कोटियाल, दीपक दश, अतुल कोहली, और आशीष नवल शामिल हैं। इस वीडियो गीत का फिल्मांकन गोपेश्वर, चोपता, दोगलबिट्टा, गंगोल गाँव, और मक्कू जैसे खूबसूरत स्थलों पर किया गया है। भूपेन्द्र घरिया और सूरज खत्री का इस गीत के फिल्मांकन में विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर गोविन्द शरण, आर एल आर्य, मुकेश कुमेड़ी, विकास उनियाल, भागीरथी देवी, गोविन्द शरण, युवा नेता गोविन्द सजवाण, रविन्द्र बर्त्वाल, डॉ. मानवेन्द्र बर्त्वाल, समाजसेवी चन्द्र प्रकाश नेगी, दिनेश बुटोला, लोकगायक हेमवन्त बुटोला, गोविन्द नेगी, सोहन सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। मंच संचालन सुनील कोठियाल ने किया।