
देहरादून: पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना घटी। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री को केदारनाथ का प्रतीकात्मक चिह्न भेंट किया। बताया जा रहा है कि धन सिंह रावत ने यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने की बधाई देने के लिए की है। इस मुलाकात में प्रदेश में चल रही शिक्षा, स्वास्थ्य, और सहकारिता की तमाम योजनाओं के बारे में भी चर्चा हुई।
धन सिंह रावत का प्रधानमंत्री से मिलना उत्तराखंड की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। विपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि धन सिंह रावत का प्रधानमंत्री से मिलना उत्तराखंड बीजेपी में बड़े बदलाव की ओर संकेत दे रहा है। धस्माना का मानना है कि धन सिंह रावत पिछले कई बार से मुख्यमंत्री बनने की वेटिंग लिस्ट में शामिल रहे हैं, लेकिन हर बार बाजी उनके हाथ से निकल जाती है। धस्माना ने यह भी कहा कि यह मुलाकात संभवतः आने वाले समय में उत्तराखंड बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की ओर इशारा कर रही है।
धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सहकारिता से संबंधित योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि उत्तराखंड सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जिनमें डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की गुणवत्ता सुधारना और शिक्षकों की कमी को पूरा करना शामिल है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सरकार ने कई योजनाएँ चलाई हैं, जैसे कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाना और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना।
सहकारिता के क्षेत्र में धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री को बताया कि उत्तराखंड सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों और ग्रामीण जनता को सशक्त बना रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस दिशा में और अधिक सहयोग और समर्थन की उम्मीद जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने भी धन सिंह रावत की सराहना की और प्रदेश की प्रगति के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
सूर्यकांत धस्माना का मानना है कि धन सिंह रावत का प्रधानमंत्री से मिलना केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड बीजेपी में संभावित बदलावों की ओर संकेत करता है। उन्होंने कहा कि धन सिंह रावत का राजनीतिक कद और अनुभव उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। धस्माना ने यह भी कहा कि बीजेपी में चल रही आंतरिक खींचतान और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें इस मुलाकात के बाद और भी मजबूत हो गई हैं।
वहीं, धन सिंह रावत ने इस मुलाकात को प्रदेश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि प्रधानमंत्री से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया से उन्हें और अधिक प्रेरणा मिली है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश की जनता के हित में काम करते रहेंगे और उत्तराखंड को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस मुलाकात के बाद राजनीतिक विश्लेषक भी इस पर नजर बनाए हुए हैं और उत्तराखंड बीजेपी में संभावित बदलावों की अटकलें तेज हो गई हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सच में उत्तराखंड बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन होता है या नहीं। लेकिन इतना तो तय है कि धन सिंह रावत की यह मुलाकात प्रदेश की राजनीति में एक नई चर्चा का विषय बन गई है।