
उत्तराखंड सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर घोषणा की कि राज्य में महिलाओं के उत्थान और उनके अधिकारों को संरक्षित करने के लिए बहुत जल्द ही एक नई महिला नीति लागू की जाएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे समाज में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकें।
राज्य सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं को प्रोत्साहित करना और उन्हें समाज में आगे बढ़ने का अवसर देना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जाए। इस दिशा में देश की आधी आबादी, यानी महिलाओं का सशक्तिकरण और उनका योगदान सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है।”
ऋतु खंडूड़ी भूषण का मानना है कि महिलाओं के उत्थान के बिना समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं को अपनी प्रतिभा और कौशल को निखारने के लिए उपयुक्त अवसर और सुविधाएं मिलनी चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा बनाई जा रही महिला नीति एक सकारात्मक पहल होगी, जो महिलाओं को उनके अधिकारों और अवसरों के प्रति जागरूक करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी।
महिला नीति का उद्देश्य राज्य की महिलाओं के विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति को बेहतर बनाना है, चाहे वह शिक्षा हो, रोजगार हो, स्वास्थ्य हो या सुरक्षा। इसमें महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ और प्रोत्साहन का प्रावधान किया जाएगा, जिससे वे न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनें, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी स्थापित कर सकें। इसके अलावा, नीति में महिलाओं के प्रति हिंसा और भेदभाव को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात भी शामिल है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के इस कदम को एक नई शुरुआत के रूप में देखा है और उम्मीद जताई है कि यह नीति राज्य की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगी। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से भी अपील की कि वे इस नीति का समर्थन करें और महिलाओं के सशक्तिकरण में अपनी भूमिका निभाएं। उनका कहना है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से परिवार, समाज और देश का विकास होता है, इसलिए हमें महिलाओं को हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए।
“महिला सशक्तिकरण केवल एक पहल नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की आवश्यकता है। हमें इस दिशा में सरकार के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए, ताकि महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकें और देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकें।”
ऋतु खंडूड़ी भूषण, अध्यक्ष, उत्तराखंड विधानसभा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोषित यह महिला नीति महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इसके जरिए राज्य की महिलाएँ न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगी, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा सकेंगी। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के ‘नारी शक्ति’ के विचार को भी बल देती है, जो 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए महिलाओं की भूमिका को अनिवार्य मानता है।
महिला नीति के माध्यम से महिलाओं को समाज में एक सशक्त स्थान दिलाने का जो संकल्प उत्तराखंड सरकार ने लिया है, वह आने वाले वर्षों में राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा सकता है।