
लक्सर रेंज के गिद्दावाली गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक विशालकाय मगरमच्छ गांव में घुस आया और एक ग्रामीण के घर में घुसकर आराम फरमाता दिखा. घर में मगरमच्छ मगरमच्छ को देखकर परिजनों के होश उड़ गए. ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को बमुश्किल रेस्क्यू किया.
गांव में मगरमच्छ की जानकारी मिलते ही रेंजर शैलेंद्र सिंह नेगी के निर्देश पर वन विभाग की क्विक रेस्पॉन्स टीम बीती रात गांव में पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मगरमच्छ का आकार इतना बड़ा और वजनदार था कि काबू पाने में वन विभाग टीम के पसीने छूट गए. गांव के लोगों की मदद से टीम ने चारों तरफ से घेराबंदी की और सुरक्षित तरीके से जाल बिछाकर मगरमच्छ को पकड़ा. करीब दो घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद मगरमच्छ को गंगा नदी में सुरक्षित छोड़ा गया.
रेंजर शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मगरमच्छ को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाए बिना, रेस्क्यू किया गया और उसे गंगा नदी में छोड़ा गया है. बारिश के मौसम में अक्सर मगरमच्छ और अन्य जलीय जीव आबादी वाले इलाकों में पहुंच जाते हैं. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी क्षेत्र में मगरमच्छ या अन्य जंगली जानवर नजर आएं तो घबराएं नहीं. तत्काल क्विक रिस्पांस टीम को सूचना दें या फिर वन्य जीव आपातकालीन नंबर 1962 पर संपर्क करें.
घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल तो रहा, लेकिन वन विभाग की मुस्तैदी के कारण बड़ी घटना टल गई. ग्रामीणों ने क्विक रिस्पांस टीम की तत्परता की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया. बता दें कि 1 जनवरी 2025 से और 15 जुलाई तक वन विभाग की टीम द्वारा 161 सांप, 56 सांभर, 13 अजगर, 12 मॉनिटर लिजर्ड, 6 चीतल, 6 नीलगाय, 1 लोमड़ी,1 बाज को रेस्क्यू किया है.
गौर हो कि जून 14 को लक्सर के डूंगरपुर गांव में एक मगरमच्छ ने ग्रामीण पर हमला कर घायल कर दिया था. मगरमच्छ ग्रामीण का एक हाथ चबा गया था. जिसके बाद ग्रामीण को गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा था. घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत फैल गई थी. जबकि लक्सर क्षेत्र के ही गांव इस्माइलपुर में एक घर के आंगन में एक विशालकाय मगरमच्छ दिखने से हड़कंप मच गया था. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा था. जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी.