
दीपावली के दौरान लोग जमकर आतिशबाजी करते हैं, जिसके चलते कई बार लोग घायल हो जाते हैं. साथ ही आसपास के क्षेत्र में भी आग लगने की संभावनाएं बनी रहती हैं, ऐसे में दमकल और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका अहम होती है. जहां एक ओर पुलिस प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद में जुटा है, वहीं, दूसरी ओर दीपावली पर्व पर कोई अनहोनी या आगजनी की घटनाएं ना हो, इसके लिए फायर ब्रिगेड ने भी कमर कस ली है. साथ ही आपात स्थिति के लिए 108 एम्बुलेंस को भी जगह-जगह तैयार रखा गया है.
देशभर में दीपावली पर्व की धूम देखने के मिल रही है. दीपावली के लेकर जहां एक ओर बाजारों में रौनक है तो वहीं दूसरी ओर दीपावली त्यौहार की तैयारियों में स्वास्थ्य महकमा और पुलिस विभाग जुटा हुआ है. मुख्य रूप से त्यौहारी सीजन के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने जहां पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है तो वहीं दूसरी ओर आतिशबाजी के दौरान आग लगने के दौरान फायर ब्रिगेड भी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है. पिछले सालों में भी आतिशबाजी के दौरान लोगों के घायल होने और आग लगने की घटना सामने आती रही हैं, खासकर शॉर्ट सर्किट की वजह से भी काफी अधिक आग लगती है.
जिसको देखते हुए अग्निशमन विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है, ताकि दीपावली के दौरान अगर कहीं भी आग लगने की घटना होती है तो तत्काल अग्निशमन वाहनों को मौके पर भेजा जा सके, ताकि आग पर काबू पाए जा सके. इसी तरह 108 सेवा भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि अगर आतिशबाजी के दौरान या फिर किसी वजह से आपात स्थिति बनती है तो 108 एंबुलेंस सेवा को तैयार रखा गया है.
दीपावली को देखते हुए उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा की ओर से प्रदेश के सभी 13 जिलों में 129 स्थानों पर अग्निशमन ड्यूटी स्थल चिन्हित किए गए हैं. जहां पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों और टीमों को तैनात किया गया है. अल्मोड़ा जिले में 7 स्थानों, बागेश्वर जिले में तीन स्थानों, चमोली जिले में 11 स्थानों, चंपावत जिले में 6 स्थानों, देहरादून जिले में 27 स्थानों, हरिद्वार जिले में 16 स्थानों, नैनीताल जिले में 14 स्थानों, पौड़ी गढ़वाल जिले में 11 स्थानों, पिथौरागढ़ जिले में 5 स्थानों, रुद्रप्रयाग जिले में 4 स्थानों, टिहरी गढ़वाल जिले में 4 स्थानों, उधमसिंह नगर जिले में 14 स्थानों और उत्तरकाशी जिले में 7 स्थानों पर फायर ब्रिगेड की टीमों को तैनात किया गया है.
अग्निशमन विभाग के उपनिदेशक संदीप राणा ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में जो क्षेत्र संवेदनशील हैं और जहां पर पटाखों का क्रय विक्रय किया जाता है. उनके आसपास ही फायर ब्रिगेड की टीमों को तैनात किया जाता है. ऐसे में अगर कहीं आग लगने की घटना सामने आती हैं तो तत्काल नजदीकी फायर ब्रिगेड की टीम को मौके पर भेजा जाता है. सामान्य दिनों में भी फायर ब्रिगेड की टीम में तैनात रहती हैं. जिन्हें इमरजेंसी के दौरान रवाना किया जाता है. जो संकरी गलियां या छोटे सड़क मार्ग हैं, वहां पर छोटे फायर ब्रिगेड या फिर इक्विपमेंट से बैकपैक सेट मोटरसाइकिल को भेजा जाता है.