
मदरसों में पढ़ाया जाएगा ऑपरेशन सिंदूर, उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला
देहरादून
पाकिस्तान की कायराना हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वीरगाथा अब सिर्फ सैन्य इतिहास तक सीमित नहीं रहेगी। उत्तराखंड की धामी सरकार ने इसे शिक्षा का हिस्सा बनाने की पहल की है। राज्य के मदरसों में अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी जाएगी। इसके जरिए छात्र-छात्राएं भारतीय सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और रणनीतिक क्षमता से रूबरू होंगे।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। जल्द ही राज्य के मदरसों में इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि हर समुदाय के बच्चे सेना की गौरवशाली परंपरा और देश की रक्षा में किए गए बलिदानों के बारे में जानें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले को लेकर कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि सभी वर्गों के बच्चों को भारत की सैन्य ताकत और सेना के पराक्रम के बारे में बताया जाए। उन्होंने कहा, “देश के नौजवानों को यह जानना जरूरी है कि जब कोई भारत की तरफ आंख उठाकर देखता है, तो भारतीय सेना उसे कैसे करारा जवाब देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ा है। जो भारत की तरफ बुरी नजर से देखेगा, उसका नामों-निशान मिटा दिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सेना सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ देश की सैन्य ताकत और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बनकर उभरा है। ऐसे ऑपरेशनों से देशवासियों को गौरव और आत्मविश्वास मिलता है। इसलिए यह जरूरी है कि नई पीढ़ी को इन गौरवशाली गाथाओं से परिचित कराया जाए।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि इससे छात्रों में देशभक्ति की भावना मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही पाठ्य सामग्री तैयार कर सभी मदरसों में इसे लागू किया जाएगा।
सरकार के इस कदम को व्यापक स्तर पर सराहना मिल रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला एक सकारात्मक संदेश देता है कि देश की सुरक्षा और सेना का सम्मान किसी धर्म या समुदाय तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह हर भारतीय के गर्व का विषय होना चाहिए।
इस फैसले के साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां मदरसों में सेना के पराक्रम को पढ़ाया जाएगा।