
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलिस बल और अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चार महत्वपूर्ण घोषणाएं की। यह घोषणाएं पुलिसकर्मियों के हितों से जुड़ी हैं और राज्य पुलिस की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं:
1. आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि: मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी वित्तीय वर्ष में पुलिसकर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि वे तनावमुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
2. पौष्टिक आहार भत्ते में वृद्धि: पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के पौष्टिक आहार भत्ते में 100 रुपये की वृद्धि की जाएगी। इससे पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य और उनके शारीरिक सामर्थ्य में सुधार होगा, जो उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
3. वर्दी भत्ते में 3500 रुपये की वृद्धि: पुलिस विभाग में कार्यरत निरीक्षकों और सहायक उप निरीक्षकों के वर्दी भत्ते में 3500 रुपये की वृद्धि की घोषणा भी की गई है। इससे पुलिसकर्मियों को बेहतर वर्दी और सुरक्षा उपकरण प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जो उनकी कार्यशैली को और सुदृढ़ बनाएगा।
4. उच्च तुंगता भत्ता में वृद्धि: मुख्यमंत्री ने 9,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात पुलिस और एस.डी.आर.एफ. कर्मियों को मिल रहे उच्च तुंगता भत्ते में 200 रुपये से 300 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि की घोषणा की। इस कदम से कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में तैनात पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
शहीदों को श्रद्धांजलि और परिजनों का सम्मान:
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारजनों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस बल और अर्द्धसैनिक बलों का महत्वपूर्ण योगदान है। विगत एक वर्ष में पूरे देश में 216 पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए, जिनमें से उत्तराखंड पुलिस के 4 वीर सपूतों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी।
ड्रग्स और साइबर क्राइम के खिलाफ सख्त कार्रवाई:
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में एक त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है, जिसने इस वर्ष 1100 से ज्यादा नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 23 करोड़ रुपये के नारकोटिक पदार्थ बरामद किए हैं।
साइबर क्राइम के बढ़ते खतरों पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की और कहा कि पुलिस को इस दिशा में तकनीकी रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा। राज्य के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क के तहत ‘क्यूआरटी’ का गठन किया गया है, ताकि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों का तुरंत और प्रभावी ढंग से समाधान हो सके।
राज्य पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका:
उत्तराखंड एक संवेदनशील राज्य होने के नाते, पुलिस की भूमिका यहां और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। राज्य में पुलिस को नशा, साइबर क्राइम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा प्रबंधन और कांवर यात्रा जैसे विभिन्न मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने राज्य की पुलिस को इन चुनौतियों के बावजूद उनके साहसऔर सेवा भावना के लिए बधाई दी।