
उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर अपराध में शामिल एक आरोपी को फर्जी दस्तावेजों के साथ देहरादून के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है. आरोपी पीड़ितों को झांसे में लेने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करता था. आरोपी ने देहादून के एक पीड़ित से खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर करीब 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी.
देहरादून निवासी पीड़ित ने अप्रैल 2025 में शिकायत दर्ज कराई थी कि मार्च 2025 में आरोपी साइबर ठग ने पीड़ित को पहले वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क किया और फिर खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर डराया धमकाया. कॉल के दौरान आरोपी ने आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किया और फिर उसे सोशल मीडिया और परिवार में प्रसारित करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया. डर और बदनामी के डर से पीड़ित ने कई बार रुपए आरोपी को ट्रांसफर की. यह पूरा मामला एक फर्जी पहचान बनाकर, मानसिक दबाव डालकर और तकनीकी माध्यमों का दुरुपयोग करके किया गया.
शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने मामले की जांच की. जांच में पाया कि आरोपी मूल रूप से राजस्थान का निवासी है, जो पिछले दो सालों से विकासनगर क्षेत्र में रह रहा था. उसने स्थानीय लोगों को बहला-फुसलाकर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए और उनके नाम से सिम कार्ड लेकर पासबुक, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड एकत्रित किए. वह अलग-अलग स्थानों पर रहकर साइबर ठगी का काम करता था. बाद में यह सभी दस्तावेज आगे बेच देता था. अब तक वह लगभग 30-40 बैंक खाते खुलवाकर आगे बेच भी चुका है. आरोपी इन खातों को ठगी से जुटाई धनराशि के लिए भी प्रयोग करता था.
एसटीएफ ने घटना के मास्टरमांइड आरोपी सल्लू को चिन्हित करते हुए आरोपी की तलाश जारी की. जिसके बाद एसटीएफ ने देहरादून के सल्लू को रेलवे स्टेशन क्षेत्र से गिरफ्तार किया. तलाशी में आरोपी से घटना में प्रयोग 1 मोबाइल, 8 पासबुक, 4 डेबिट कार्ड्स, 2 सिम कार्ड्स बरामद हुए हैं.
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों को खोलकर और बेचकर प्रयोग किया, उसमें कुछ महीनों में ही लाखों रुपयों का लेन-देन हुआ है. साथ ही जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी से प्राप्त बैंक खाते के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं. जिसके संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की एसटीएफ के साथ संपर्क किया जा रहा है.