
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में मंगलवार, 8 जुलाई को भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर आए इस भूकंप की पुष्टि राज्य के आपदा कंट्रोल रूम और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology – NCS) दोनों ने की है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई और इसका केंद्र जमीन से लगभग 5 किलोमीटर नीचे था।
भूकंप के झटके कुछ ही क्षणों के लिए महसूस हुए, लेकिन इतने थे कि कई लोग डर के मारे घरों और इमारतों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस होने की पुष्टि की और कई जगहों से छोटे स्तर की कंपन की रिपोर्ट मिली। राहत की बात यह है कि समाचार लिखे जाने तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं आई है।
इससे पहले भी उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में भूकंप के झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उस घटना में भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई थी और केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर की गहराई पर था। वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी 1 जून को सुबह 8:44 बजे भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 2.7 रही थी। ये सभी झटके हालांकि हल्के स्तर के थे, मगर लगातार हो रही भूकंपीय गतिविधियां चिंता का विषय बन रही हैं।
भूकंप वैज्ञानिक लगातार उत्तर भारत, विशेषकर हिमालयी क्षेत्र को संवेदनशील जोन मानते आए हैं। ऐसे में 3 से 4 तीव्रता के झटके भले ही जानलेवा न हों, लेकिन यह संकेत जरूर हैं कि क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल बनी हुई है। विशेषज्ञ समय-समय पर आपातकालीन तैयारियों और जागरूकता बढ़ाने की सलाह देते हैं।