
देहरादून: राजपुर क्षेत्र में आईटी पार्क के पास स्थित सायनोटेक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर चल रहे एक अवैध अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने एक बड़े ठगी के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशों में बैठे लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था। इस पूरी कार्रवाई में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जो इस फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कर रहे थे।
**गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस की कार्रवाई**
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून को गोपनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि राजपुर क्षेत्र के आईटी पार्क के पास स्थित सायनोटेक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर एक अवैध इंटरनेशनल कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है। यह कॉल सेंटर विदेशी नागरिकों को फोन कर उन्हें ठगने का काम कर रहा था। सूचना मिलते ही एसएसपी ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस अधीक्षक नगर तथा क्षेत्राधिकारी मसूरी के अधीन दो अलग-अलग टीमों का गठन किया गया।
इन टीमों ने बीती रात राजपुर क्षेत्र के आईटी पार्क स्थित सायनोटेक बिल्डिंग में छापा मारा। वहां पर ग्लोबल टेक एनर्जी सॉल्यूशन नामक अवैध कॉल सेंटर के संचालन का पता चला, जो एक बड़े हॉल में फैला हुआ था। इस हॉल में करीब 100 केबिन बनाए गए थे, जहां अलग-अलग केबिन में बैठे युवक-युवतियां कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से फोन कॉल्स को अटेंड कर रहे थे।
**फर्जीवाड़े का तरीका और ठगी की योजना**
पूछताछ में पता चला कि यह कॉल सेंटर अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को टारगेट कर उन्हें ठगने का काम करता था। कॉल सेंटर में काम करने वाले युवक-युवतियां खुद को अंतरराष्ट्रीय एंटी हैकिंग विभाग का प्रतिनिधि बताकर लोगों से संपर्क करते थे। वे उन्हें यह कहकर डराते थे कि उनके कंप्यूटर सिस्टम हैक हो चुके हैं और उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। इस बहाने से वे उनसे उनके बैंक खातों की जानकारी, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर लेते थे।
अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे लोग विदेशी नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने के लिए विशेष रणनीतियों का इस्तेमाल करते थे। वे अपनी बातचीत में तकनीकी शब्दावली का उपयोग करते थे ताकि पीड़ित को लगे कि वह किसी विशेषज्ञ से बात कर रहा है। इसके बाद, वे पीड़ित को उनके कंप्यूटर से हैकिंग हटाने के लिए भुगतान करने के लिए राजी कर लेते थे।
**पुलिस द्वारा गिरफ्तारियाँ और आगे की कार्रवाई**
इस छापेमारी के दौरान, पुलिस ने इस फर्जी कॉल सेंटर के संचालकों समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया। इन सभी पर आरोप है कि वे इस अवैध कॉल सेंटर के संचालन और विदेशी नागरिकों से ठगी करने में संलिप्त थे। पुलिस ने मौके से कई कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोग लंबे समय से इस तरह की ठगी में लिप्त थे। वे नियमित रूप से अपनी रणनीतियों को अपडेट करते रहते थे ताकि किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई से बच सकें। इसके अलावा, वे अपने ठिकाने को भी समय-समय पर बदलते रहते थे ताकि उनके ठिकानों का पता न चल सके।
**आगे की जांच और संभावित गिरोह का पर्दाफाश**
पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि इस फर्जीवाड़े के अन्य संभावित सदस्यों का भी पता लगाया जा सके। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह केवल देहरादून तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार अन्य शहरों और राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस उन सभी खातों और ट्रांजेक्शन की भी जांच कर रही है जिनका उपयोग इस ठगी के लिए किया गया था।
एसएसपी देहरादून ने मीडिया को बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार करेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी की गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।
**नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह**
इस घटना के बाद, पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध फोन कॉल पर ध्यान न दें और अपनी संवेदनशील जानकारी किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा न करें। अगर किसी को भी इस तरह की संदिग्ध कॉल्स प्राप्त होती हैं, तो वे तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें। पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह की ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए और अपने साइबर सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए।
देहरादून में इस फर्जी कॉल सेंटर के भंडाफोड़ के बाद, पुलिस ने आम जनता को भी आगाह किया है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल्स पर विश्वास न करने की सलाह दी है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है।