
उत्तर भारत के चार धामों में शामिल श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि इस वर्ष 2 अक्टूबर को विजयदशमी के पावन पर्व पर घोषित की जाएगी। इस अवसर पर मंदिर परिसर में एक भव्य धार्मिक आयोजन किया जाएगा, जिसमें वैदिक परंपराओं और पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद करने की तिथि का निर्णय लिया जाएगा।
परंपरा के अनुसार, बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की तिथि हर वर्ष विजयदशमी के दिन ही तय की जाती है। इस वर्ष भी इसी परंपरा का पालन करते हुए 2 अक्तूबर को दोपहर बाद मंदिर परिसर में धर्माचार्यों और वेदपाठियों की उपस्थिति में शुभ मुहूर्त निकाला जाएगा।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पदाधिकारियों की उपस्थिति में धाम के मुख्य पुजारी (रावल) कपाट बंद होने की तिथि की विधिवत घोषणा करेंगे।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार, इस दिन कपाट बंद होने से पहले होने वाली महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रियाएं और आयोजन जैसे पंज पूजाएं, उद्धव जी और कुबेर जी का पांडुकेश्वर प्रस्थान, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ जी का नृसिंह मंदिर, ज्योतिर्मठ गद्दी स्थल के लिए प्रस्थान का मुहूर्त और कार्यक्रम भी घोषित किया जाएगा।
इस अवसर पर अगले वर्ष 2026 में होने वाली यात्रा की तैयारियों की औपचारिक शुरुआत भी की जाएगी। भंडार सेवा हेतु परंपरागत रूप से पगड़ी भेंट की जाएगी, जो यात्रा की अगली कड़ी का प्रतीक मानी जाती है।