
देहरादून – उत्तराखंड में धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की घोषणा कर दी है। इस निर्णय के तहत अब श्रद्धालु और पर्यटक सालभर चारधाम यात्रा कर सकेंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस पहल से न केवल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी बल्कि राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों को भी अधिक पहचान मिलेगी। इसके अलावा, स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। खासकर छोटे दुकानदारों और स्थानीय व्यापारियों में इस निर्णय को लेकर खासा उत्साह है।
व्यापारियों और पुजारियों ने किया स्वागत
चारधाम यात्रा के शीतकालीन स्वरूप में प्रवेश करने से होटल व्यवसायियों, दुकानदारों और धार्मिक स्थलों से जुड़े लोगों को काफी राहत मिली है। इस संबंध में गंगोत्री धाम के मुख्य पुजारी हरीश सेमवाल ने कहा, “शीतकालीन यात्रा से श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा और सालभर आस्था का प्रवाह बना रहेगा। यह निर्णय तीर्थाटन और धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
वहीं, स्थानीय व्यापारियों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। एक दुकानदार ने बताया कि, “पहले चारधाम यात्रा के बंद होने से व्यवसाय ठप हो जाता था, लेकिन अब सालभर ग्राहक बने रहेंगे।”
राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव अनुपम खत्री ने भी इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि, “यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी सहायक होगी। इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।”
पर्यटन को मिलेगा नया प्रोत्साहन
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से उत्तराखंड में पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा। देवभूमि की पहचान सिर्फ गर्मियों में तीर्थयात्रा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब सर्दियों में भी श्रद्धालु और पर्यटक यहां आएंगे। इससे रेस्टोरेंट, होटल, टैक्सी चालक, और अन्य छोटे व्यवसायियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी आश्वासन दिया है कि सरकार शीतकालीन यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएगी और धार्मिक स्थलों तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी खास इंतजाम किए जाएंगे।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत एक ऐतिहासिक पहल है, जो देवभूमि के पर्यटन और धार्मिक यात्रा को नई दिशा देगी। इससे स्थानीय व्यापारियों, होटल मालिकों, गाइड, और अन्य व्यवसायियों को बड़ा फायदा मिलेगा। सरकार के इस निर्णय का व्यापक स्वागत हो रहा है और सभी को उम्मीद है कि इससे उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।