
30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. ऐसे में सरकार और संबंधित जिला प्रशासन ने व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आई है. यमुनोत्री हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर ने की सफल लैंडिंग करवा ली गई है.
यमुनोत्री धाम में गरुड़गंगा के समीप निर्माणाधीन हेलीपैड पर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की ओर से हेलीकॉप्टर ने सफल लैंडिग की. जानकारी के अनुसार यूकाडा का हेली दो दिन से लैंडिंग का प्रयास कर रहा था. जिसे बीते बुधवार को सफलता मिली. यमुनोत्री धाम के गरुड़गंगा के समीप यूकाडा की ओर से करीब 60 लाख की लागत से कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल हेलीपैड का निर्माण कार्य कर रहा है.
हेलीपैड के सरफेस का कार्य पूरा हो चुका है. इसके बाद वहां पर स्थितियों और मौसम और हवाओं की जानकारी के लिए यूकाडा की ओर से हेलीकॉप्टर के लैडिंग का प्रयास किया गया. जानकारी के अनुसार पहले हेली ने मंगलवार को लैडिंग का प्रयास किया, लेकिन तकनीकी कारणों से उसे वापस लौटना पड़ा. उसके बाद बुधवार दोपहर को हेलीकॉप्टर ने सफल लैंडिंग की. कुछ देर रूकने के बाद हेलीकॉप्टर यहां से वापस चला गया. बड़कोट थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि गरुड़गंगा के पास बने हैलीपेड में हेलीकॉप्टर लैंडिंग ट्रायल सफल रहा है. यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने कहा की धाम में हेली सेवा शुरू होने से यह चारधाम यात्रा और आपातकालीन स्थिति के लिए वरदान साबित होगा.
इसके साथ ही यमुनोत्री धाम में सिंचाई विभाग की ओर से मजदूरों के माध्यम से मंदिर के समीप मलबे को हटाकर समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है. जुलाई माह में यमुनोत्री धाम में यमुना नदी में आई आपदा के दौरान मंदिर गर्मकुंड और जानकीचट्टी तक नुकसान हुआ था. प्रशासन की ओर से कपाट बंद होने के बाद वहां पर सुरक्षात्मक कार्य में देरी की गई, तो वहीं अब चारधाम यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पूर्व करीब 18 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की. सिंचाई विभाग ने इसके बाद धाम में मजदूरों के माध्यम से समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन इस पर तीर्थ पुरोहित नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, मंदिर समिति के उपाध्यक्ष संजीव उनियाल, सहसचिव गौरव उनियाल,पंच पड़ा समिति के सचिव गिरीश उनियाल मनमोहन उनियाल, सुरेश उनियाल कुलदीप उनियाल आदि ने कहा यमुनोत्री धाम में लीपापोती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बिना मशीनों के वहां पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों को नहीं होने दिया जाएगा.