
देहरादून। रिस्पना किनारे वर्ष 2016 के बाद हुए अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की कार्यवाही आज फिर शुरू की गयी है। लगभग दो सप्ताह के ब्रेक के बाद दस्तावेजो की जांच कर प्रशासन की टीमों द्वारा अनधिकृत निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान छिटपुट विरोध भी हुआ लेकिन प्रशासन के सख्त रवैये के आगे अनधिकृत निर्माण ध्वस्त होता चला गया।
बता दें कि एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना किनारे वर्ष 2016 के बाद किये गये निर्माण के सर्वे में कुल 524 अतिक्रमण पाये गये थे। इनमें से 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, 12 नगर पालिका मसूरी व 11 राजस्व भूमि पर पाये गये। वहीं दूसरी ओर नगर निगम के नियंत्रण में रिवर प्रफंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जिस भूमि को एमडीडीए के नियंत्रण में दिया गया था उस पर 414 अतिक्रमण होने की बात सामने आयी।
बता दें कि करीब एक माह पूर्व नगर निगम ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद 74 अतिक्रमण की अंतिम सूची तैयार की गयी थी। जिसमें चूना भट्टा से लेकर बलबीर रोड बस्ती तक 46 निर्माण ध्वस्त किये गये थे। जबकि दीपनगर में आठ मकानों का ध्वस्तिकरण किया गया था।
मसूरी विधानसभा क्षेत्र की बाडीगार्ड बस्ती में चिन्हित 20 अनधिकृत निर्माण पर कार्यवाही की जानी थी। लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक दबाव के चलते नगर निगम को अपने कदम रोकने पड़े। जिसके बाद दोबारा दस्तावेजों की जांच हुई और 20 में से 10 निर्माण ही कार्यवाही की जद में आ सके। जिसके बाद आज नगर निगम व पुलिस प्रशासन की टीमों द्वारा आज सुबह ही बाडीगार्ड बस्ती में पहुंच कर अनधिकृत निर्माण पर ध्वस्तिकरण की कार्यवाही की गयी
है।