
शहर में मृतओं पशुओं को उठाने की व्यवस्था बेपटरी हो गई है. 24 सितंबर को थाना रायपुर क्षेत्र में मृत पशु ले जा रही टीम के साथ कथित हिंदूवादी संगठनों ने हाथापाई की. साथ ही वाहन को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया गया. इस घटना के बाद नगर निगम से जुड़े पशु उठान कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है. ऐसे में शहर में तीन दिन से 25 पशुओं के शव सड़ रहे हैं. एसोसिएशन ने मांग है कि जब तक पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं होती तब तक कम बंद रहेगा.
24 सितंबर को नगर निगम ठेकेदार राजेश कुमार अपने तीन साथियों के साथ वाहन में मृत पशु लेकर जा रहे थे. रिंग रोड के पास चार-पांच लोगों ने वाहन को रुकवाया. उसके बाद अपने साथियों को सूचना देकर मौके पर बुला लिया. मौके पर 100-150 लोग पहुंच गए. जिन्होंने ठेकदार और उसके साथियों के साथ धक्का मुक्की की. विरोध करने वाले लोगों ने वाहन की चाबी निकाल ली. टायरों की हवा भी निकाल ली. उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंची. किसी तरह मामला शांत करवाया गया. इसके बाद भी रायपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की. राजेश कुमार ने बताया जिले से रोजाना 150 मृत पशु को इकट्ठा करते हैं. मारपीट की घटना के बाद काम बंद कर दिया है. इस मामले में नगर निगम के उप नगर आयुक्त ने एसएसपी को पत्र लिखकर मृत पशु निस्तारण टीम को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है.
पशु चिकित्सा अनुभाग के पत्र अनुसार कहा गया है कि मृत पशु उठाने वाली टीम को लगातार अज्ञात व्यक्तियों की ओर से रोका जा रहा है. इन पर गौ तस्करी के झूठे आरोप लगाकर मारपीट ओर तोड़फोड़ की घटनाएं की जा रही हैं. शहर की अलग-अलग डेरियों और लावारिस पशुओं की मौत के बाद शव अब कई जगहों पर पड़े रह जाते हैं. मृत पशु नहीं उठाए जाने से स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ने लगे हैं. जिससे डेरी संचालकों ओर स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.