
उत्तराखंड क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष ललित श्रीवास्तव ने भ्रष्ट पी०सी०एस० अफसर डीपी सिंह की सी०बी०आई० जांच की मांग को लेकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी , उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जी , मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन जी एवं जीफ जस्टिस ऑफ उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल जी को पत्र लिखा ,
ललित श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड के बहुत ही चर्चित एन०एच० 74 घोटाले के मुख्य आरोपी पी०सी०एस० डीपी सिंह को शासन द्वारा क्लीन चिट दिया जाना एक बहुत ही गंभीर विषय है क्योंकि उक्त भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध ई०डी० इनकम टैक्स एवं विजिलेंस की जांच गतिमान में है , एन०एच०74 के घोटाले की तत्कालीन ए०डी०एम० द्वारा की गई एफ०आई०आर० सहित तमाम जांचे चल रही हैं उन तमाम जांचों की जांच पूर्ण होने से पहले ही उत्तराखंड शासन द्वारा भ्रष्ट अधिकारी पीसीएस डीपी सिंह को क्लीन चिट दिए जाना राज्य के अहित में है,
मैं देश के ऊर्जावान यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी एवं उत्तराखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं उत्तराखंड की बहुत ही कर्मठ इमानदार वरिष्ठ मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी जी एवं उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मांग करता हूं कि इस भ्रष्ट अफसर के खिलाफ चल रही सारी जांचों को गति दी जाए एवं यदि किसी अधिकारी के व्यक्तिगत हित के कारण या कुछ लोगों की साथ गांठ के कारण या कुछ अधिकारियों की मिली भगत से इस पीसीएस अधिकारी को क्लीन चिट दी गई है तो उसको निरस्त करते हुए पुनः दोबारा ईमानदार अधिकारी से जांच कराई जाए ,
जब तक इसकी जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक इसे शुगर मिलो सहित जितने भी पद दिए गए हैं सारे पदों से हटाकर इसको मुख्यालय में अटैच किया जाए एवं इसके सगे संबंधियों इसके करीबियों उन सब की जांच करके एक उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस की सरकार चल रही है
एक उत्तराखंड राज्य हित में मैसेज दिया जाए कि वाकई में पूर्व में जो एन एच 74 घोटाला हुआ था ऐसा घोटाला भविष्य में दोबारा नहीं होगा तभी के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी द्वारा तत्परता दिखाते हुए बहुत ही अच्छे तरीके से एक कैबिनेट द्वारा फैसला लिया गया कि इस भ्रष्ट अधिकारी की सीबीआई जांच की जाए लेकिन किसी वजह से सीबीआई जांच न होकर एसआईटी गठित हो गई,
मैं संगठन की और से पुनः मांग करता हूं कि उक्त पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए और उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस की सरकार का एक उदाहरण दिया जाए अन्यथा उत्तराखंड राज्य वासियों के मन में जीरो टॉलरेंस की सरकार के प्रति कई सारे सवाल खड़े हो जाएंगे क्योंकि उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार जो की तब भी जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही थी तो उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने प्रकरण को गंभीर विषय मानते हुए इसकी जांच कराई यह अधिकारी जेल गया काफी समय तक जेल रहा और आज की जीरो टॉलरेंस की सरकार द्वारा इसी अधिकारी को क्लीन चिट दिए जाना राज्य के अहित में होगा।
मैं उत्तराखंड की ईमानदार मुख्य सचिव राधा रतूड़ी जी से आग्रह करता हूं कि मेरे दिए गए शिकायती पत्रों पर कार्यवाही करते हुए उक्त प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति करते हुए सीबीआई जांच कराने की कृपा करें, जिससे कि उक्त पूरे प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही हो सके और दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में कोई अधिकारी इस तरीके के प्लान के तहत भ्रष्टाचार एवं अपराध करने की कोशिश ना करें।